Raju Srivastav: The Best Standup Comedian of India
दिसंबर का आखिरी हफ्ता , एक तरफ ठण्ड से ठिठुर रहा होता है, दूसरी तरफ, आने वाले नए साल स्वागत की खुमारी भी चढ़ने लगती है। इसी हफ्ते मनाया जाने वाला क्रिसमस , लोगो में उत्साह भर देता है. इसी क्रिसमस के दिन, उत्तर प्रदेश के कानपूर में एक ऐसे शख्स का जन्म हुआ जिसने करोडो लोगो के चेहरे से उदासी ,ग़म, डिप्रेशन उतार कर, उस पर बेतकल्लुफ हंसी चिपका दी. कानपूर में जन्मे हंसी के इस संत का नाम सत्य प्रकाश श्रीवास्तव था जिसे दुनिया प्यार से राजू कहती थी। .राजू श्रीवास्तव
कानपूर में मध्यमवर्गीय कायस्थ परिवार में जन्मे राजू को बचपन से , नक़ल उतारने का शौक़ था और यही शौक़ , एक दिन उनको मुंबई की ट्रैन में बैठ देता है. मुंबई आसानी से कामयाबी नहीं देता , पहले आपके हुनर को हर कसौटी पर कसता है. राजू को मुंबई के इन्ही पसीने भरे दिनों में ऑटो भी चलना पड़ा जिससे पेट की आंच को खाने से ठंडा सके. कई बार महज़ ५० रुपये के लिए महफ़िल, शादी, बच्चो के जन्मदिन पर , राजू ने अपने लतीफो, नक़ल से लोगो के चेहरे की मुस्कान बड़ी कर दी.
फिल्मो के भी दरवाज़े खटखटाते , राजू के हाथ जब मजरूह होने लगे तो राजू को तेज़ाब फिल्म में एक बेहद छोटा सा किरदार मिला, फिर मैंने प्यार किया में भी एक छोटे से रोल से खुद को आज़माना जारी रखा. टीवी की दुनिया उन दिनों बड़ी हो रही थी तो राजू देख भाई देख , शक्तिमान जैसे सीरियल में भी अपना चेहरा दिखाने में कामयाब रहे. इन सारी जद्दोजहद के बाद भी बात बन नहीं रही थी जिसके राजू हक़दार थे. इसी बीच राजू के कुछ ऑडियो कैसेट ज़रूर हिंदी भाषी लोगो के घर की ज़रुरत बन गए थे.
२००५ में आये कॉमेडी सर्कस में राजू का आना कइयों को ठीक नहीं लगा लेकिन इसी कॉमेडी सर्कस ने राजू की अकूत प्रतिभा को दुनिया के सामने रख दिया. राजू के बनाये किरदार गजोधर और उसकी रॉ ,अर्दी कॉमेडी टाइमिंग , लोगो की दिल का स्थायी हिस्सा बन गयी. अब बड़े बड़े समारोह का राजू एक अभिन्न हिंसा होने लगे. इंसानो की मिमिक्री के साथ राजू निर्जीव चीज़ो के मनो विज्ञान को जैसा समझाते, लोग उनकी अनोखी प्रतिभा से हतप्रभ हो जाते. इंसानी रिश्ते और छोटे शहर में रह रहे लोगो में हास्य ,विनोद को ख़ास तरीके से दर्शाते राजू अब भारत के चैपलिन सरीखे हो रहे थे जिसने कॉमन मैन की परेशानियों को हास्य में बदल लिया था.
कॉमेडी में खूब कामयाबी के बाद राजू समाज की बेहतरी से भी जुड़े और उन्होंने राजनीती के ज़रिये समाज को कुछ बेहतर करने का मन बनाया। थोड़े समय के लिए समाजवादी पार्टी से जुड़ने के बाद राजू, योगी और मोदी से प्रभावित होकर भाजपा ज्वाइन कर लेते है और उत्तर प्रदेश फिल्म विकास बोर्ड के चेयरमैन भी हो जाते हैं.
नॉएडा फिल्म सिटी के शुरुआती प्रक्रिया में भी वो अहम् रोल निभाते है
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