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जिसने दिया प्रियंका चोपड़ा को निकनेम "पिग्गी चॉप्स"

समंदर के ठीक बगल में कोई नदी बह रही हो तो लोगों की नजर नदी पर शायद ही पड़ती है, बरगद का पेड़ अपनी अपनी विशालता से लोगों को चकाचौंध कर रहा हूं ऐसी स्थिति में किसी नन्हे पौधे का उसकी छाया में उपकर विशाल हो पाना लगभग नामुमकिन सा होता है। 

(Source:https://encrypted-tbn2.gstatic.com/)

    लेकिन कोई इस प्रयास में कुछ हद तक कामयाब हो तो यकीनन उसके लिए तारीफ के शब्द निकलना लाज़मी हो जाता है। ‌ 5 फरवरी को भारतीय सिनेमा के मेगास्टार अमिताभ बच्चन के घर एक बच्चा पैदा हुआ। पिता का इतना बड़ा नाम था कि किसी ने तुरंत बच्चे का नाम सोचा ही नहीं और बर्थ सर्टिफिकेट पर "बाबा बच्चन" के नाम से दुनिया ने इस बच्चे का स्वागत किया। 


(Source: Avinash Tripathi hosting a Program with Abhishek Bacchan at a Private University Event )


    बच्चा जैसे-जैसे बड़ा हो रहा था, उसका शारीरिक विकास तो खूब हो रहा था लेकिन पढ़ाई में अक्सर बच्चा, दूसरे विद्यार्थियों के समकक्ष नहीं आ पाता। ब्लैक बोर्ड पर लिखे अक्षर बच्चे के मस्तिष्क में प्रवेश नहीं कर पाते। अक्षरों को समझने और लिखने की इस समस्या को जब डॉक्टर के सामने रखा गया तो पता चला यह बाबा बच्चन डिसलेक्सिया नामक बीमारी का शिकार है। बच्चे को कुछ समय के बाद स्विट्जरलैंड भेजा गया और धीरे-धीरे बच्चे में तेजी से मानसिक और शारीरिक विकास शुरू हुआ। युवा अवस्था में बच्चा उस समय अमेरिका के प्रसिद्ध बोस्टन विश्वविद्यालय का भी विद्यार्थी रहा। ‌ 



सदी की शुरुआत होते ही इस बच्चे ने भी अपने पिता की भांति रुपहले पर्दे पर अपना भविष्य तलाशना शुरू किया और 2000 में जेपी दत्ता द्वारा निर्देशित ,बहुप्रतीक्षित फिल्म "रिफ्यूजी" का मुख्य अभिनेता बनकर लोगों के सामने आया और दुनिया ने अभिषेक बच्चन का दिल खोलकर स्वागत किया।

     ‌ रिफ्यूजी को कुछ फिल्म  समीक्षक ने फ्लॉप बताया लेकिन गौरतलब होगा कि 2000 में 5 सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाली फिल्म में रिफ्यूजी भी एक फिल्म थी। इसके कुछ समय बाद आई फिल्म युवा में अभिषेक इतना खुलकर पर्दे पर आई कि उनकी अभिनय क्षमता का विस्तार देखकर फिल्म समीक्षक के साथ आम जनता भी चमत्कृत रह गई। "धूम वन" और टू, "झूम बराबर झूम", "दस", "कभी अलविदा ना कहना" जैसी कई फिल्म अभिषेक के खाते में आए और सभी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर बेहतरीन प्रदर्शन किया।

     कुछ मल्टीस्टारर और कुछ सोलो फिल्म करने के बाद अभिषेक ,धीरे-धीरे उस फिल्म के मुहाने पर पहुंचते हैं, जिसने अभिषेक को एक बेहतरीन अभिनेता के सांचे में ढाल दिया। मणि रत्नम द्वारा निर्देशित फिल्म "गुरु" में धीरूभाई अंबानी के जीवन से प्रभावित किरदार में अभिषेक बिल्कुल मुख्तलिफ और खुदरंग नज़र आए। इस फिल्म की बेहद तारीफ हुई, वही इस फिल्म की खासियत अभिषेक का ऐश्वर्या राय के करीब आना भी हुआ। ‌ इसी फिल्म के दौरान अभिषेक बच्चन ने ऐश्वर्या राय को अपनी प्रेम की भावना से अवगत कराया। 

    फिल्म के एक दृश्य में इस्तेमाल की गई अंगूठी को ही अभिषेक ने, अपने प्रेम संदेश में भिगोकर, ऐश्वर्या को प्रपोज कर दिया। ‌ 2007 में हिंदुस्तान के सबसे खूबसूरत और प्रतिष्ठित कपल के रूप में अभिषेक और ऐश्वर्या ने एक दूसरे की सांसों को साझा करने का फैसला किया। अपने सहकर्मियों और सह अभिनेताओं के बीच में अपने प्रैंक और बेहद सधे हुए ह्यूमर की वजह से मशहूर अभिषेक ने प्रियंका चोपड़ा को उनका निकनेम "पिग्गी चॉप्स" दिया जिसे बाद में सभी मीडिया ने इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। ‌

     किसी भी अभिनेता के लिए यह बेहतरीन अवसर होता है कि वह अपने पिता के साथ एक ही फिल्म में अपनी अपनी क्षमता का प्रदर्शन करें। अभिषेक को "सरकार" और "पा" में यह अवसर मिला और दोनों ही फिल्में अपने बेहतरीन अभिनय से अभिषेक की रंगत में और निखार आया। अभिषेक अब धीरे-धीरे अभिनय के साथ अपने पंख और दिशा में फैलाना शुरू करते हैं और जल्दी ही प्रो कबड्डी और फुटबॉल लीग में कंपनी के मालिक हो जाते हैं। भारत के डिजिटल वर्ल्ड में स्थापित हो रहे कई प्रसिद्ध ओटीटी चैनल्स पर भी अभिषेक दस्तक देना शुरू करते हैं और दसवीं फिल्म से बेहतरीन पदार्पण करते हैं।


 ‌ 5 फरवरी को 47 वर्ष पूर्ण करें अभिषेक के लिए ,अभी कई आयाम खुले हुए हैं और उम्मीद है कि आने वाला साल उनके आकाश में कुछ नए नक्षत्र जोड़ेगा।

AVINASH TRIPATHI

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