A Midas touch- Ayushmann Khurrana
मिट्टी को सोना करने वाला पारस -आयुष्मान खुराना
चंडीगढ़ के खुशनुमा और आज़ाद आबो हवा में पैदा हुआ निशांत , करवट बदलते बदलते अपनी तकदीर भी बदलने लगा. लड़खड़ाते कदमो से चलने की उम्र में ही निशांत , अब आयुष्मान हो चूका था और ख्वाबो के गुलाबी होने की उम्र तक आयुष्मान , अभिनय के कई पदक , अपने दिल के पास वाले सीने के हिस्से में सजा चूका था
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उस जमाने में आवाज और उसमें गाना गाने की क्षमता को परखने का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म इंडियन आइडल था। आयुष्मान अपने गले की तरह और सुबह का रियाज़ दोनों लेकर इंडियन आइडल के सामने पहुंच गए। जिन लोगों की किस्मत में ऊपर वाला बड़े महल बना कर रखता है उन्हें छोटे हवेलियों का मालिक नहीं बनाता।
इंडियन आइडल में आयुष्मान का चयन तो नहीं हो पाया लेकिन शानदार शख्सियत बेहतरीन आवाज और हरफनमौला चरित्र में आयुष्मान को जल्दी ही टीवी का एक बेहतरीन एंकर जरूर बना दिया। जब आप में चमक होती है तो धीरे-धीरे आप लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करना शुरू कर देते हैं। बहुत सारी निर्देशक और निर्माता की नजर अब चंडीगढ़ से आए इस बेहतरीन कलाकार पर पड़ने लगी थी। इसी बीच जॉन इब्राहिम अपनी बिल्कुल मुख्तलिफ विषय की फिल्म विकी डोनर में एक ऐसे हरफनमौला अभिनेता की तलाश में थे जो दिल्ली के नौजवान की खासियत को अपने चेहरे पर लेकर घूमता हो।
आयुष्मान में वह कलंदर पर भी था कुछ हद तक आवारगी भी। विकी डोनर के किरदार को आयुष्मान ने जिस गंभीरता से निभाया लोग फिल्म के साथ-साथ इस अभिनेता की मुरीद हो गए। फिल्म के एक बेहद लोकप्रिय गीत ' पानी दा रंग देखके' मैं आयुष्मान ने अपनी आवाज की लग्जरी का भी जरूर दिखाया है। भारत में पहली बार इस तरह के अनोखे विषय पर कोई फिल्म बनी जहां कोई व्यक्ति अपने सीमन को प्रोफेशनली डोनेट करता हो।
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अब आयुष्मान को पता चल गया था कि अनोखे विषय वस्तु पर बनी फिल्मों में उनके जैसे अभिनेता के लिए बेहतर गुंजाइश होती है क्योंकि आयुष्मान अभी किसी खास तरह के किरदार में फस कर टाइप्ड नहीं हुए थे। विकी डोनर के कुछ समय बाद बधाई हो जैसे विषय पर आई फिल्म ने तो आयुष्मान को ऐसी फिल्मों का राजकुमार बना दिया। जवान हो गई बेटी की मां का गर्भवती होना और उससे उल्टी हुई परिस्थितियों में आयुष्मान बेहद निखर कर चमकने लगे।
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आज यही आयुष्मान खुराना , भारत के सिनेमा जगत का ऐसा सितारा है जिसकी उंगलियों के छोर पर, पारस पत्थर की छुअन है. वो जिस फिल्म को भी छू देता है, फिल्म गर्दिश से निकल कर, शिखर पर बैठ जाती है। जिस शहर की गलियों में पतंग के साथ , आयुष्मान के ख्वाब भी उड़ा करते थे, जिस शहर की छतो पर आयुष्मान , अपने इश्क़ को देर तक देखने का सबब करते है, उसी शहर को एक बार फिर से जीने का मौका , इस शानदार कलाकार एक बार फिर ,किरदार के ज़रिये मिल गया।
आयुष्मान अपनी नयी फिल्म ' चंडीगढ़ करे आशिकी " में कॉलेज की हवा में मोहब्बत की गुलाबी पतंग उड़ाते दिखतेहै। इस फिल्म में आयुष्मान ने अपने किरदार के साथ अपने बदन को भी तलाश कर बेहद सुडोल बना दिया है। इस कहानी में आयुष्मान, अपने ज़िन्दगी से कमाए अनुभव और शहर से सीखे मोहबत के हर पेंच को आजमाते दिखते हैं।
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बारिश के मौसम में रिलीज हुई इस फिल्म में उनके सामने वाणी कपूर है जो आयुष्मान की इश्क़ के मंज़िल बनकर , उनके दूसरे छोर पर खड़ी हैं. ये फिल्म आयुष्मान खुराना की वाणी कपूर के साथ पहली फिल्म है लेकिन फिल्म में आयुष्मान की वाणी से केमिस्ट्री ऐसी लग रही है जैसे दोनों ने बचपन से एक ही स्कूल से इश्क़ का सबक सीखा है. इस फिल्म की एक खासियत इसका पैनडेमिक माहौल में शूट और बनना है. फिल्म अक्टूबर २०२० से दिसंबर २०२० में चंडीगढ़ के गुनगुनाते मौसम में शूट हुई
इस साल एक और तेज़ तर्रार फिल्म , आयुष्मान खुराना के बाज़ुओ में ज़्यादा ताक़त भरने का काम करेगी. ये फिल्म अनुभव सिन्हा की 'अनेक' है जिसमे मुख्य किरदार 'जोशुआ ' का जिस्म ओढ़कर आयुष्मान , एक्शन और रोमांच की संकरी गलियों से तेज़ी से भागते हुए दिखाई देंगे. अनुभव सिन्हा के साथ आयुष्मान का पिछला अनुभव बेहद शानदार रहा है। आर्टिकल १५ में तेज़ तर्रार और संवेदन शील आई पी यस अफसर की भूमिका में आयुष्मान , बेहद सटीक दिखाई देते है। अपनी इसी फिल्म की कामयाब जोड़ी को आगे बढ़ाते हुए अनुभव, अनेक' को अपने जीवन की सबसे मुश्किल लेकिन शानदार फिल्म कहते है.
इस साल की अपनी सफलता की पिच पर ज़ोरदार बैटिंग करते आयुष्मान , अपनी एक और रोमांटिक कॉमेडी फिल्म 'डॉक्टर जी ' साइन करते है. प्रख्यात निर्देशक अनुराग कश्यप की बहन अनुभूति कश्यप ने आयुष्मान की जेब में एक और खनकता सिक्का डाल दिया. डॉक्टर जी में आयुष्मान , रकुल प्रीत के साथ इस बेहद फनी फिल्म में पहली बार सफ़ेद के किरदार में नज़र आ रहे है. यहाँ पे ये भी रेखांकित करना ज़रूरी है कि इसी साल आयुष्मान अपनी पहली फिल्म विक्की डोनर ' के ९ साल को पूरा करके , दसवे साल में प्रवेश कर रहे है।
फिल्म इंडस्ट्री के इस मुश्किल साल में आयुष्मान की फिल्मे , बुझी हुई फिल्म इंडस्ट्री की रातो को सूरज की तरह रोशन करेगी, इसकी पूरी उम्मीद है।
© अविनाश त्रिपाठी
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