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Best 5 performances in 2020 web series

 

   

          २०२० की वेब सीरीज की  ५ सर्वश्रेष्ठ परफॉरमेंस 

२०२० की गर्मिया अभी पकना शुरू ही कर रही थी कि भारतीय सिनेमा और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का सूरज , अचानक ढलने लगा. इस अभूतपूर्व स्थिति में ओ  टी टी जीवन रक्षक दवाई की तरह , एंटरटेनमेंट को कृतिम सांस देकर बचा ले गया. 

इन्ही ओ  टी टी  में कुछ किरदार इतने बड़े हो गए कि  वो कहानी से भी बड़ी पहचान बना गए. कहानी की सतह पर तैरते इन किरदारों ने धीरे धीरे दरिया के ऊपर खुद को स्थापित कर दिया.  २०२० में कुछ किरदार , जिन्होंने अपनी कद्दावर उपस्थिति से दर्शको के ज़ेहन में खुद को हमेशा के लिए ज़िंदा कर दिया , वो ये है


Source: https://www.dnaindia.com/bollywood/

१- पंकज त्रिपाठी. - नैशनल  स्कूल ऑफ़ ड्रामा से अभिनय को रगो  में उतारने का ख़ास हुनर सीखकर आये पंकज त्रिपाठी के जिस्म की बनावट में कमाल की मिटटी का इस्तेमाल हुआ है. ये कलाकार , पानी का बदन ओढ़ना जानता है, किरदार मिलते ही पानी की तरह, बर्तन में ढल जाता है. माधव मिश्रा वो किरदार है जिसके लालची और मुवक्किल से जोंक की तरह चिपक कर खून चूसने के आशंका से दर्शक , चिढ़ने लगता है लेकिन वेब सीरीज " क्रिमिनल जस्टिस "  के वकील के इस किरदार में पंकज , हर एपिसोड में आपके दिल के थोड़ा और करीब होते जाते है. 

मध्यमवर्गीय एक वकील, जो पुलिस की मिलीभगत से मुवक्किल फांसता है लेकिन वो आरोपी की बेगुनाही से मुत्मइन हो जाता है और बहुत से परेशानी झेलने के बाद भी, एक हारा हुआ केस जीत लेता है. पैर  में हर वक़्त खुजली से घिन पैदा करता माधव मिश्रा , कब सुहानीभूति  और फिर प्यार जीत लेता है, पता ही नहीं चलता. 

अपने क्लाइंट की बेगुनाही साबित  करने में बेहद कुशाग्र वकील और एक हद तक जासूस का काम करता माधव, अब पैसे या प्रोफेशन के लिए ,सिर्फ मिशन के लिए काम करता है. किरदार के ट्रांसफॉर्मेशन , ख़ास तरह के देसी मैनरिज़्म का इस्तेमाल करते पंकज ने , इस किरदार में ऐसा रंग फूंका है कि  परदे पर माधव के आते ही, होंठ ,खिलना शुरू हो जाते. विक्रांत मसीह के इंटेंस किरदार के बाद  , माधव मिश्रा का किरदार, बेहद रिलीफ देता है

 

Source: https://www.dnaindia.com/television/

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२-  प्रतीक गाँधी -  अमूमन इकोनॉमिक्स , फाइनेंस , आकड़े , आम इंसान के लिए कभी भी रूचि का क्षेत्र नहीं रहे।  ऐसे किसी विषय पर फिल्म या वेब सीरीज, कामर्शियल स्पेस की भी हो सकती है।  " स्कैम - 1992 द  हर्षद मेहता स्टोरी" वेब सीरीज  ,इसका जवाब है. हर्षद के किरदार को जिस शख्स ने इस कदर डूबकर निभाया की स्वयं, हर्षद मेहता भी इस किरडदार के साथ वैसा न्याय नहीं कर पाते। 

प्रतीक गांधी ने मुख्य किरदार में , गुजराती महत्वाकांछी भावनाओ को ऐसे उकेरा मानो अभिनय सीखाने के लिए वो सबसे शानदार टुटोरिअल का निर्माण कर रहे हो.  गरीब परिवार का हर्षद , छोटे कमरे में रहता था लेकिन उसकी आँखे बड़ी थी , इतनी बड़ी को उसमे बड़े से बड़े सपने समां जाय।  इन्ही सपनो को पूरा करने वो वो ऐसी दुनिया में निकल पड़ता है जहाँ इतना  पैसा , सिर्फ घोटाले से कमाया जा सकता है.

 छोटी छोटी चीज़ के लिए तरसती आँखे  और फिर जीवन शैली में महाराजाओ को मात करते प्रतीक ने इस ट्रांसफॉर्मेशन को इतना सहज बना दिया कि  प्रतिनाययक भी प्यार का हक़दार लगने लगा. हर्षद मेहता के घोटाले पर आधारित इस वेब सीरीज की जान, प्रतीक है. फिल्मो में छोटे किरदार निभाते हुए अपना बहुत सा गुस्सा, आक्रोश और नकारे जाने का प्रतिककर, शायद प्रतीक ने बरसो से जमा कर रखा था. इस वेब सीरीज में प्रतीक ने वो सब निकाल कर, इस सीरीज को सर्वाधिक चर्चित और शानदार बना दिया.

 

Source:https://www.firstpost.com/entertainment

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३- जयदीप  अहलावत
- एक आम से अदना पुलिस वाला, सिर्फ एक मौके से कितना बड़ा बन सकता है ये किरदार और उसको निभाने वाले दोनों का सच है.  वेब सीरीज "पाताललोक " में इन्स्पेक्टर हाथी  राम चौधरी का किरदार निभाने वाले जयदीप की भी यही कहानी है. इससे पहले उन्हें सिनेमा, टीवी या डिजिटल प्लेटफार्म पर कभी कोई उम्दा चरित्र नहीं मिला , हाथी राम का किरदार मिलते ही जयदीप ने किरदार को इतना ज़ोर से भींच लिया की पूरा किरदार, उनमे समां गया. कुछ कर दिखाने के इंतज़ार में एक सामान्य सा पुलिस वाला कितना ख़ास हो जाता है , जयदीप ने ये दिखाया है. एक पतरकार के खिलाफ साजिश का पता लगाते जयदीप कई बार कुछ नही बोलते , लेकिन वो इतना मुखर दिखते  है है  ख़ामोशी का शोर , कान के परदे चीर , ह्रदय की रग  में अटक जाता है.

Source:https://www.deccanherald.com/entertainment

४- आदिल हुसैन -  आदिल हुसैन भारत के सबसे सटल अभिनेता है. बेहद गूढ़, काम्प्लेक्स करैक्टर को , बिना ओवर प्ले किया, इतना सहज  है की लगता है अभिनय नहीं हो रहा, किसी कहानी में एक किरदार बाह रहा है, फ्लोट कर रहा है.  प्रकाश झा  की फिल्म "परीक्षा "  में एक रिक्शा वाला, अपने बेटे को पढ़ा लिखा कर अफसर बनाना  चाहता है. अपनी क्षमताओं से ज़्यादा बढ़कर,पिता का बच्चे के भविष्य की चिंता, आपको आदिल से प्यार करने पर मजबूर कर देगी


Source:https://timesofindia.indiatimes.com/
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५- सुष्मिता सेन - सिनेमा के परदे से दूरी बनायीं सुष्मिता , काफी समय से ऐसे चरित्र की तलाश में थी जिसमे सम्पूर्णता हो. आर्या ने उनकी तलाश को ख़त्म ही नहीं किया वरन उसमे एक औरत के किरदार में वो सब रंग भरे जो सिनेमा में शायद ही दिखाई दिए हो.  एक घरेलु पत्नी और बच्चो की माँ ,पति की मौत और छलावे के बाद टूटती नहीं, बल्कि धीरे धीरे बेहद मजबूत हो जाती है. ड्रग्स जैसे अवैध कारोबार में पुरुषो के आधिपत्य को तोड़ती सुष्मिता उर्फ़ आर्या  सरीन, कही कही इतनी मज़बूत दिखी है कि  पुरुषो तक को इस किरदार पर रश्क़ होने लगता है।  एक डरी सहमी माँ से ड्रग्स के धंधे की सिरमौर बनने की आर्या सरीन की दास्तान,  २०२० के सबसे कद्दावर महिला किरदार की संघर्ष  है. सुष्मिता ने किरदार की हर परत पर, अपने मजबूत चिन्ह छोड़े है

  ©अविनाश त्रिपाठी


 

1 comment:

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