The war between Theater and OTT relaese
Theater में फिल्म एक अनुभव
सिनेमा भारत में सिर्फ व्यक्तिगत मनोरंजन के लिए नहीं होता. बड़े से हाल में स्याह अँधेरे में जब रौशनी के जुगनू भरते है , ये उल्लास, उत्सव का सामाजिक मनोरंजन हो जाता है. थिएटर में फिल्म देखना सिर्फ फिल्म नहीं बल्कि एक सम्पूर्ण अनुभव है जिसमे सैकड़ो लोगो की सम्मिलित प्रतिक्रिया , हर दृश्य को जीवंत कर देती है.
पिछले ६ महीने से थिएटर की बंद दरवाज़े , अकेले रह गए हाल, ठहाको, और सिसकियो की आवाज़ से महरूम हो गए थे. सिनेमा भारत में भावनात्मक स्तर पर लोगो को जोड़ देता है. एक ही सन पर सैकड़ो लोग खिलखिलाते या रुंधे गले से हिचकिया लेते सुनाई दे जाएंगे. कोविड और लाकडाउन ने जीवन को ३ घंटे के लिए अलग लोक में ले जाने वाली इस प्रक्रिया का अंत कर दिया था.
सितम्बर के आखिरी सप्ताह ने भारत के सिनेमा प्रेमियों की आँखों में अक्टूबर की गुनगुनी धूप पैदा कर दी. कोविड के बेहद तनाव के माहौल में सिनेमा हॉल खुलने की खबर ने कमरों में बंद फड़फड़ाते सिने परिंदो के परो में अचानक परवाज़ भर दी.
New rules by I&B ministry to Release Films in Theater
इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्ट मिनिस्टरी के अनुसार १५ अक्टूबर से भारत के मल्टीप्लेक्स और थिएटर्स को खोलने की सशर्त इज़ाज़त दे दी है. हर स्क्रीनिंग के बाद सैनिटाइज़ करने के साथ , हाल को सिर्फ ५० % ही भरा जा सकता है। मतलब एक सीट छोड़कर , दर्शको को बैठना होगा. इंटरमिशन में भो मूवमेंट पर विशेष प्रयोजन किये गए है। यही नहीं टिकट काउंटर की संख्या को भी बढ़ा दिया गया जिससे काउंटर्स पर भीड़ न हो। दर्शको से ऑनलाइन पेमेंट के लिए भी बोलै गया है जिससे सेंटर्स पर भीड़ भी कम से कम हो
(Source: https://www.cnbc.com)
अक्टूबर में थिएटर में रिलीज़ हो रही फिल्म एक तरफ है और लाकडाउन के अनिश्चित माहौल में फिल्म निर्माताओं द्वारा अपनी फिल्म ओ टी टी स्ट्रीमिंग पर भी रिलीज़ हो रही है. अब ये बड़ा दिलचस्प सा माहौल या प्रतिगोगिता बन गयी है की किस माध्यम को दर्शक वरीयता देंगे. फिल्म ट्रेड एनालिस्ट और क्रिटिक का एक समूह थिएटर की बढ़त, आम जनता की जीवन शैली का हिस्सा और बड़े परदे के अनुभव को आधार बना कर थिएटर रिलीज़ को बेहतर मार्केटिंग कदम बता रहा है. वैसे ही ट्रेड एनालिस्ट का एक ग्रुप लाकडाउन में ओ टी टी की जबर्दरस्त उछाल और लोगो की आदत में शामिल होना और उससे भी ज़्यादा कोरोना को लेकर थिएटर का भय लोगो को ओ टी टी वर्ल्ड प्रीमियर को प्राथमिकता देना , बता रहा है.
Important Film Releasing in Theater
थिएटर रिलीज़ की छूट के बाद जो बड़ी हिंदी फिल्म थिएटर में रिलीज़ हो रही है उनमे सूर्यवंशी , 83 और कुली नंबर वन प्रमुख है. सूर्यवंशी , प्रख्यात निर्देशक रोहित शेट्टी का अपना डोमेन है जिसमे वो पुलिस प्रोटैग्निस्ट के ज़रिये अपनी कहानी गढ़ते है। सिंघम , सिम्बा के बाद उसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए रोहित ने अपने परिचित कलकारों एक बार फिर खाकी वर्दी में सजाकर उतरा है.
(A Rohit Shetty's film 'Suuryavanshi')
इसी तरह ८३, क्रिकेट के गौरव के पलो को दोबारा जीने की कोशिश है जो कपिल देव के हवाले से कही सुनी गयी है. पिछले काफी दिनों से दर्शक भारतीय टीम के पहली बार विश्व कप जीतने के ऐतिहासिक क्षण को परदे पर देखना चाहते थे. कहते है रणवीर ने भी कपिल के किरदार में उतरने के लिए बहुत मेहनत की है
कुली नंबर वैन, हास्य के अश्वमेघ को सालो तक जीतते आये , गोविंदा के घोड़े पर , वरुण धवन की सवारी और आखेट का ताना बाना है.
(A David Dhawan's upcoming movie: Coolie No.1)
वैसे तो बहुत सारी हॉलीवुड फिल्म भी भारत के थिएटर्स में रिलीज़ हो रही है. हॉलीवुड की इन फिल्म्स में क्रिस्टोफर नोलन की 'टेनेट ' डैनियल क्रैग अभिनीत जेम्स बांड सीरीज की बहुत प्रतीक्षित फिल्म "नो टाइम टू डाई ' प्रमुख है. अमेरिका के अलावा ,हिंदुस्तान में एक बहुत बड़ा वर्ग है जो हॉलीवुड फिल्म्स का बेहद शौक़ीन है. बड़े परदे पर रोमांच, एक्शन और बेहतरीन तकनीकी की फिल्म्स को देखना, एक शानदार अनुभव होता रहा है. खास तौर से जेम्स बांड सीरीज के भारत में बहुत दीवाने है. इसी तरह बेहद चर्चित निर्देशक क्रिस्टोफर नोलन के चाहने वाले भी भारत में बहुत है. प्रेस्टीज , इंटरस्टेलर , इन्सेप्शन , द डार्क नाईट जैसी फिल्म वाले नोलन की टैनेट से दर्शको ने बहुत सी उम्मीद पाल राखी है
OTT has taken lead in last 6 months
सबसे दिलचस्प आने वाले महीनो में ये देखना होगा कि पिछले ६ महीने की नयी व्यवस्था और जीवन शैली में परिवर्तन, आने वाले सिनेमा व्यवसाय के चिर परिचित आसमान को बदलेगा ,या थिएटर की बादशाहत जो १०० सालो से भी ज़्यादा की चली आ रही है, वो इस डिजिटल स्ट्रीमिंग क्रांति के आगे घुटने टेक देगा
गौरतलब है इसी अक्टूबर में कुछ बहु प्रतीक्षित वेब सीरीज और फिल्म्स का डिजिटल स्ट्रीमिंग साइट पर वर्ल्ड प्रीमियर भी होना है. अमेज़ॉन प्राइम पर मिर्ज़ापुर २ के साथ कुछ फिल्म भी अपेक्षित है। मिर्ज़ापुर की अपार सफलता के बाद , उसके दूसरे सीजन का बेहद बेसब्री से इंतज़ार हो रहा है.
स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म पर वर्ल्ड रिलीज़ होने वाली शबाना आज़मी की हॉरर जॉनर की फिल्म " खुही" ऐसी ही एक फिल्म है जो पंजाब के भूतिया गाँव की पृष्ठभूमि में सजी है. मकड़ी के बाद शबाना ऐसे किसी डरावने किरदार में दिखाई देंगी. अपने अभिनय से धाक ज़माने वाले विक्रांत मैसी की फिल्म 'जेनी वेड्स सन्नी " भी दर्शको का मनोरंजन के लिए तैयार है। मिर्ज़ापुर में दिलचस्प किरदार के ख़त्म होने से निराश उनके फैन अब विक्रांत को जेनी वेड्स सन्नी में देखकर खुश हो सकते हैं.
The interesting war between Theatrical and OTT release
कुल मिलकर आने वाले एक -दो महीने बेहद दिलचस्प होने वाले है और मनोरंजन के दो अलग अलग माध्यम के बीच की खींचतान का फायदा , दर्शको को मिलने वाला है. महीनो से घर पर बैठा दर्शक, बड़े परदे का इंतज़ार भी कर रहा है। एक बड़ा वर्ग सिनेमा को पारम्परिक तरीके से सिनेमा हाल में ही देखने का पक्षधर रहा है. वो महंगे दाम पर भी सिनेमा को थिएटर में ही देखना पसंद करता है. और वही सस्ते तरीके से नयी फिल्म को अपने कमरे में सुरक्षित देखने का भाव, ओ टी टी की हिम्मत भी बढ़ा रहा है. साल भर के सस्ते पैकेज की होड़ ने दर्शको का एक नया बाज़ार पैदा कर दिया जो स्मार्ट फ़ोन स्क्रीन पर अपने मनोरंजन का हक़ खोज रहा है
©अविनाश त्रिपाठी
Very well written
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